"खुशहाली भरा सावन"
काले घन घेर रहे हैं सूरज दादा आपको
टप-टप बूंदों के गिरने की ज़रा आवाज़ सुनो
डरा रही है, गड़-गड़ बिजली की आवाज़ लो
खुशी से मोर नाच रहे हैं ज़रा देखो ।
किसानो , सुनो हरियाली फैल रही यहाँ तो
छोटी-छोटी नावों को जाते हुए देखो,
सात सुंदर रंगों को आसमान में देखो,
इंतज़ार रहेगा सावन के महीने का हम सबको।
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1 comment:
Good work ! keep it up.
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