Monday, May 11, 2009

हिमांगी तिवारी कक्षा आठ 'स'

मैं सबसे छोटी होऊं

मैं सबसे छोटी होऊं
तेरी गोद में सोऊँ
तेरा आँचल पकड़कर
फ़िर सदा माँ तेरे साथ
कभी छोडूँ तेरा हाथ।

बड़ा बनाकर पहले हमको
तू पीछे चलती है मात
हाथ पकड़कर फ़िर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन रात

अपने कर से खिला, धुला मुख
धूल पोंछ सज्जित केर मात
थमा खिलोने नहीं सुनाती
हमें सुखद परियों की बात।

ऐसी बड़ी होऊं मैं
तेरा स्नेह खोऊँ मैं
तेरे आँचल की छाया में
छिपी रहूँ गोद निर्भय
कहूँ दिखा दे चंद्रोदय

No comments: