मैं सबसे छोटी होऊं
मैं सबसे छोटी होऊं
तेरी गोद में सोऊँ
तेरा आँचल पकड़कर
फ़िर सदा माँ तेरे साथ
कभी न छोडूँ तेरा हाथ।
बड़ा बनाकर पहले हमको
तू पीछे चलती है मात
हाथ पकड़कर फ़िर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन रात ।
अपने कर से खिला, धुला मुख
धूल पोंछ सज्जित केर मात
थमा खिलोने नहीं सुनाती
हमें सुखद परियों की बात।
ऐसी बड़ी न होऊं मैं
तेरा स्नेह न खोऊँ मैं
तेरे आँचल की छाया में
छिपी रहूँ गोद निर्भय
कहूँ दिखा दे चंद्रोदय ।
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