जीवन एक गूंज है
एक छोटा बच्चा अपनी माँ से नाराज़ होकर चिल्लाने लगा, "मैं तुमसे नफरत करता हूँ। मैं तुमसे नफरत करता हूँ। " पिटने के डर से वह घर से भाग गया और पहाड़ियों के पास जाकर चीखने लगा । ' मैं तुमसे नफरत करता हूँ । मैं तुमसे नफरत करता हूँ ' और वही आवाज़ गूंजी , "मैं तुमसे नफरत करता हूँ "। यह ज़िन्दगी में पहली बार था जब उसने कोई गूंज सुनी थी । वह डरकर अपनी माँ के पास गया और बोला - "घाटी में एक गन्दा बच्चा है जो चिल्लाता है, मैं तुमसे नफरत करता हूँ" । उसकी माँ सारी बात समझ गई और उसने अपने बेटे से कहा कि वह पहाड़ी पर जाकर फ़िर चिल्लाकर कहे - मैं तुम्हें प्यार करता हूँ । बच्चा गया और चिल्लाया - " मैं तुम्हें प्यार करता हूँ । " वही आवाज़ गूंज गयी । इस घटना से बच्चे को सीख मिली ।
हमारा जीवन एक गूंज की तरह है -हम जो देते हैं वही हमें वापस मिलता है ।
बेंजामिन फ्रैंकलिन ने कहा है - जब आप दूसरों के लिए अच्छे बन जाते हैं तो ख़ुद के लिए और भी बेहतर बन जाते हैं ।
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