Monday, May 11, 2009

क्षितिज नीखरा कक्षा तीन 'स'

जीवन एक गूंज है

एक छोटा बच्चा अपनी माँ से नाराज़ होकर चिल्लाने लगा, "मैं तुमसे नफरत करता हूँमैं तुमसे नफरत करता हूँ। " पिटने के डर से वह घर से भाग गया और पहाड़ियों के पास जाकर चीखने लगा । ' मैं तुमसे नफरत करता हूँमैं तुमसे नफरत करता हूँ ' और वही आवाज़ गूंजी , "मैं तुमसे नफरत करता हूँ "। यह ज़िन्दगी में पहली बार था जब उसने कोई गूंज सुनी थीवह डरकर अपनी माँ के पास गया और बोला - "घाटी में एक गन्दा बच्चा है जो चिल्लाता है, मैं तुमसे नफरत करता हूँ" । उसकी माँ सारी बात समझ गई और उसने अपने बेटे से कहा कि वह पहाड़ी पर जाकर फ़िर चिल्लाकर कहे - मैं तुम्हें प्यार करता हूँबच्चा गया और चिल्लाया - " मैं तुम्हें प्यार करता हूँ । " वही आवाज़ गूंज गयीइस घटना से बच्चे को सीख मिली
हमारा जीवन एक गूंज की तरह है -हम जो देते हैं वही हमें वापस मिलता है
बेंजामिन फ्रैंकलिन ने कहा है - जब आप दूसरों के लिए अच्छे बन जाते हैं तो ख़ुद के लिए और भी बेहतर बन जाते हैं

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